आलू की खेती के लिए अनुकूल समय (Suitable time)

आलू के लिए अक्टूबर से नवंबर का महीना अनुकूल माना जाता है। इसके लिए अगर सही समय की बात करें तो 1 अक्टूबर से 20 नवंबर तक का समय काफी अनुकूल माना जाता है।


मिट्टी (Soil)

आलू की फसल के लिए रेतीली मिट्टी पीली मिट्टी काली दोमट मिट्टी तथा मध्यम काली मिट्टी पर काफी अच्छी उपजाऊ होती है। साथ ही मृदा का PH VALUE 5.5-7.5 तक अच्छी मानी जाती है। तथा उत्तम जल निकास का प्रबंध होना चाहिए। और वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी अच्छी होनी चाहिए उपयुक्त जीवाश्म पदार्थ वाली भूमि पर आलू की सफल खेती कर सकते हैं।

जलवायु तथा तापमान (Climate condition & Temperature)

आलू शुष्क एवं ठंडे जलवायु की फसल है। इसे रबी मौसम में उगाया जाता है। आलू के लिए उपयुक्त समय अलग-अलग है। जैसे अंकुरण के समय 15 से 20 डिग्री सेल्सियस तथा कांत बनते समय 20 से 22 डिग्री सेल्सियस और रात के समय 18 से 22 डिग्री सेल्सियस समानत: देखा जाए तो आलू के लिए 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है।

खेत की तैयारी (Form Preparation)

सर्वप्रथम मध्यम गहराई में चलने वाले हल या कल्टीवेटर से आपको एक से दो जुताई करानी है। और बेसल डोज के रूप में जब आप खेत तैयार कर रहे हैं। तो 2 ट्राली गोबर की खाद तथा 30 किलोग्राम जिप्सम प्रति एकड़ की दर से पूरे खेत में बिखेर कर रोटावेटर की मदद से खेत को समतल करा दीजिए और जब आप प्लांटर से बुवाई करेंगे उस समय-

बेसल डोज (Besal dose)

बुवाई के समय प्रति एकड़ की दर से 3 बैग NPK (150kg) =12-32-16 खाद का प्रयोग कर सकते हैं। 

आलू की उन्नत किस्में (Hybrid Variety)

( 1 ) . कुफरी पुखराज 

समय : -90-95 दिनों में तैयार 

उत्पादन : -160 क्विंटल ( 16 टन )

( 2 ) . कुफरी बादशाह 

समय : - 110 दिनों में तैयार 

उत्पादन : -120 क्विंटल ( 12 टन )

( 3 ) . कुफरी ख्याति 

समय : -100-110 दिनों में तैयार 

उत्पादन : -130 क्विंटल ( 13 टन ) फूल आते हैं।

( 4 ) . कुफरी हिमसोना 

समय : -95 दिनों में तैयार 

उत्पादन : -125 क्विंटल ( 12/13 टन )

( 5 ) . LR ( Lady Rosetta ) 

समय : - 110 दिनों में तैयार 

उत्पादन : -110 क्विंटल ( 10 / 11 टन )

Early maturity variety 

कुफटी पुखराज 

कुफरी  ख्याति 

Late maturity variety 

कुफरी  बादशाह 

LR Potato 

Processing maturity variety 

chipSona 1 & 3

बुवाई के लिए आलू का बीज कहां से खरीदें।

पंजाब में जालंधर के कोल्ड स्टोर से आप आलू का बीज खरीद सकते हैं। आलू की बुवाई के लिए आप जिस भी कोल्ड स्टोर से आलू का बीज खरीद रहे हैं। वहीं पर आप फफूंद तक फंगीसाइड दे दीजिए क्योंकि घर पर बीजों को उपचारित करना काफी मुश्किल काम हो सकता है।

बीज उपचार (seeds treatment)

1) BASF Xelora fungicide 

Thiophanate Methyl 45 % + Pyraclostrobin 5 % FS 10 से 12 लीटर पानी +200 ml xelora fungicide घोल से 15 कुंटल आलू को उपचार कर सकते हैं।

2) Bayer Emesto prime fungicide 

Penflufen 24 % FS, 10 से 12 लीटर पानी + 150ml Bayer Emesto prime Fungicide घोल से 15 कुंटल आलू को उपचार कर सकते हैं।

आलू से आलू की दूरी (Sowing distances)

आलू की बुवाई से 15 से 20 दिन पहले ही आपको आलू खरीद लेना हाय और आलू को उपचारित करना है। उसके बाद किसी बंद रूप में आलू को निकाल कर रख देना है। जैसे ही 15 दिनों के बाद आलू में अंकुरण आंख निकल आए तो 25-25 ग्राम के टुकड़ों में काट लेना है। और याद रहे कि प्रत्येक टुकड़े पर कम से कम एक से दो आई जरूर हो और उसके बाद प्लांटर से बुवाई कर देनी चाहिए जिस प्लांटर से बुवाई कर रहे हैं। उस पर खाद देने का सिस्टम भी अलग से रहता है।

Sowing Distance 

Plant to plant Distance : -10-15 CM 

Line to Line Distance : - 45 CM Seeds 

गहराई : -6-7 CM
प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता (Per Acre seeds Requirements)

14/15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से आलू की आवश्यकता पड़ती है। लगभग ₹55000 से ₹ 60000 तक का खर्च 1 एकड़ पर आलू की बीज में लगने वाला है। यह काफी अधिक रेट पर निर्भर करता है कभी सस्ता भी हो जाता है। तो कभी सीजन पर महंगा भी हो जाता है।

बुवाई विधि (Sowing distances)

बेड बनाकर ही आलू की खेती करनी चाहिए इससे उपज काफी अच्छी होती है और आलू का साइज भी काफी अच्छा होता है।

खरपतवार नियंत्रण (Weed control)

आलू की फसल पर कई तरह के खरपतवार होते हैं। जो आलू की फसल को काफी कमजोर कर देते है। और आलू की वनस्पति बढ़वार ठीक से नहीं हो पाती है। साथ ही आलू की फसल पर पीलापन भी लिख देखने को मिल जाता हैं। खरपतवार की नियंत्रण के लिए आलू बुवाई के तुरंत बाद ही : Pre emergent herbicide Metribuzin 70 % WP 100gm / एकड़ 200 लीटर पानी में घोल का छिड़काव करें। 

सिंचाई (irrigation system)

आलू की फसल पर 6 से 7 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करती है। मिट्टी के हिसाब से ही आपको सिंचाई करना चाहिए कुछ मिट्टी पर अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है तो कुछ मिट्टी पर कम सिंचाई में भी आप आलू की फसल निकाल सकते हैं। बुवाई के तुरंत बाद करनी है ठीक इसी प्रकार 7 से 8 दिनों की अवकाश पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए।

जीवन चक्र (Life cycle)

आलू की फसल के जीवन चक्र 90 से लेकर 110, 115 दिनों तक की होती है। यह वैरायटी पर निर्भर करता है।

आलू के रोग / बीमारी

एफैड, रस चूसक किट, सफैद मक्खी, तथा कुछ इलाकों पर हरी इल्ली, का समस्या भी देखने को मिल जाती है और जड़ो के पास wide grabe की समस्या भी आती है। इसके साथ-साथ आलू की फसल पर कई बड़ी-बड़ी बीमारियां आती है। इसके लिए-

स्प्रे शेड्यूल (spray Schedule)

1st Spray : - वुबाई से 25 वे दिन : 

Carbendazim 12  % + Mancozeb 63 % WP = 40gm + Chlorpyrifos 50 % + Cypermethrin 5 % EC = 30ml [ 15 लीटर पानी में मिलाकर सो करें ]

2nd Spray : - वुबाई से 40-45वे दिन : 

BASF Cabrio Top = 40gm [ 15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। ] कम ब्लाइट or OSYNGENTARidomil gold = 30gm अधिक  ब्लाइट[ 15 लीटर पानी में मिलाकर सो करें ] 

खाद शेड्यूल (Fertigation Schedule)

1st 2016 Dose : - प्रति एकड़ एकड़  

आलू बुवाई से 25 वे दिन : यूरिया खाद 45kg + सागरिका दानेदार 8 / 10kg ( प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें।

2nd खाद Dose : - प्रति एकड़ 

आलू बुवाई से 40-45वे दिन : यूरिया खाद = 20kg + अमोनिया सल्फेट 20kg ( प्रति एकड़ जडो के पास देकर सिंचाई करें।

आलू के कंद का विकास

Crop time = 60-65 Days 

Cultar ( PGR ) 80ml + YouTube Boron 250gm ( रेत में मिलाकर प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें )


उत्पादन (Productions)

प्रति एकड़ 15 से 16 टन उत्पादन निकाल सकते हैं।

मुनाफा (Benefits)

मुनाफा काफी अधिक रेट पर निर्भर करता है। लेकिन आप 1 एकड़ पर 150000 से ₹170000 तक कमा सकते हैं।

लागत (Per Acre Cost)

1 एकड़ पारा 60000 से लेकर 70000 रुपए तक की लागत आने वाली है। नेट प्रॉफिट की बात करें तो 90 दिनों में आप आलू की खेती से ₹100000 1 एकड़ से कमा सकते हैं।

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