जीरे की उन्नत खेती के लिए खेत तैयार कैसे करें।

खेत तैयार करने के लिए मिट्टी को पलटने वाले हल या कल्टीवेटर से मिट्टी को पलटवार कर कम से कम 15 दिनों तक धूप लगाएं और पकी हुई गोबर की खाद को छिड़ककर रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरी करा लीजिए और खेत को समतल करवाते समय 2 बोरी सिंगल सुपर फोसफैस पाउडर को पूरे खेत में छिड़क दीजिए। अब आपका खेत बिल्कुल तैयार हो चुका है।



मिट्टी किस प्रकार की होनी चाहिए।

उत्तम जल निकास वाली मिट्टी पर आप जीरे की उन्नत खेती कर सकते हैं काली, मिट्टी दोमट मिट्टी, पीली मिट्टी, चिकनी दोमट मिट्टी और उपजाऊ उपयुक्त जीवाश्म पदार्थ वाली मिट्टी पर आप जीरे की खेती कर सकते हैं।

किस समय में जीरे की उन्नत खेती करनी चाहिए।

अक्टूबर से नवंबर के मध्य आप जीरे की बुआई कर सकते हैं। 

जीरे की उन्नत किस्में कौन-कौन सी होती है।

AVNI-121, AVNI-111, की किस्में बहुत ही अच्छा है। इसके अतिरिक्त दिनकर बीज की POKHRAJ और WESTERN-C 45, WESTERN-C 60 के अतिरिक्त यदि आप देसी या फिर घर में तैयार बीज की बुआई कर रहे हैं। तो आप बीजों की उपचार जरूर कर लें UPL कंपनी की SAAF या फिर TRICODERMA से आप बीज उपचार जरूर कर लीजिए।

प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता कितनी पड़ती है।

1 एकड़ में लगभग 5 kg बीज की आवश्यकता पड़ती है। वही 12 से 14 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई कर सकते हैं।

एक पौधे से दूसरे पौधे की बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए।

एक बीज से दूसरी बीच की दूरी 5 सेंटीमीटर होनी चाहिए तथा लाइन से लाइन की दूरी 22 से 24 सेंटीमीटर और गहराई 2 से 3 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

बुआई के समय किस प्रकार की खाद की आवश्यकता होती है अर्थात बेसल डोज।

बेसल डोज यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण विषय है आपको बुआई के समय जीरे की फसल पर कौन-कौन सी खाद का इस्तेमाल करना चाहिए इसे अच्छी तरह से जान लीजिए।

50 kg- Single super phosphate 

यूरिया खाद- 20 kg

MOP  खाद- 15 kg

किस-किस प्रकार के कीट और फंगस जीरे की फसल पर आते हैं।

जीरे की फसल पर सबसे ज्यादा ऐफिड जिसे हम माहू बोलते हैं। और थ्रिप्स इसके अतिरिक्त बिलय्टि भी आता है जिसे हम झुलसा के नाम से जानते हैं। वही एक और रोग बैक्टीरिया बिल्ट यानी ओक्ठा रोग इसको आप कैसे रोकथाम कर सकते हैं।

पहली खाद कब डालनी चाहिए।

जब हमारी जीरे की फसल बुआई से 30 से 35 दिन की होती है 26 किलोग्राम यूरिया खाद और 5 किलोग्राम माइक्रोन्यूट्रिएंट्स खाद तथा इसी के साथ IFFCO सागरिका दानेदार 3 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मिक्स करके जड़ों के पास देकर सिंचाई कर दीजिए बहुत ही बेहतरीन परिणाम मिलेगी।

दूसरी खाद कब डालनी चाहिए।

जब हमारी जीरे की फसल बुआई से 40 से 45 दिन की होती है। तब NPK 0-52-34 खाद 3 Kg और Sulphur 90% 3Kg तथा BORON B 20%-150 GM इन तीनों को अच्छे से मिक्स करके जड़ों के पास देकर अच्छी तरह से सिंचाई कर दीजिए।

स्प्रे schedule

पहली स्प्रे कब करनी चाहिए। 

जीरे की फसल पर कई प्रकार के रोग बीमारी फंगस और कीट आते हैं। इनकी रोकथाम के लिए और साथ ही जीरे की पुष्पों की संख्या बढ़ाने के लिए इसके अतिरिक्त सभी प्रकार की बीमारियां और रोगों की रोकथाम के लिए तथा ठीक तरीके से ग्रोथ करने के लिए जब जीरे की फसल बुवाई से 22 से 25 दिन की होती है। तब THIAMETHOXAM 25 Wg 100 mg और BIOVITA 200 ml तथा UPL Saaf-250 GM तीनों को अच्छी तरह से मिक्स करके प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिक्स करके स्प्रे कर दीजिए।

दूसरी स्प्रे कब करनी चाहिए। 

जब जीरे की फसल 40 से 42 दिन की होती है तब आपको जीरे की फसल पर दूसरी स्प्रे करनी चाहिए। दूसरी स्प्रे के लिए हम एक टॉनिक ले रहे हैं। जिसमें अमीनो एसिड और विटामिन का कॉन्बिनेशन है। Fantac plus 100 ml +Bayer movento energy 200 ml + Syngenta KUVACH fungicide 300 gm इन तीनों को मिक्स करके प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिक्स करके स्प्रे कर दीजिए। 

जीरे की फसल तैयार होने में कितना समय लगता है।

जीरे की फसल 100 से 125 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है यह जीरे की Verity पर निर्भर करता है।

जीरे की फसल में खरपतवार की रोकथाम कैसे करें।

खरपतवार की रोकथाम आप 2 तरीकों से कर सकते हैं। पहला आप मजदूरों की सहायता से भी खरपतवार को खेत से बाहर निकाल सकते हैं।  दूसरा आपखरपतवार नाशक का भी प्रयोग कर सकते हैं। बुवाई से 24 घंटों के अंदर आप 700ml प्रति एकड़ की दर से Penda methrin की स्प्रे कर सकते हैं। जब आपनेबुवाई के तुरंत बाद penda methrin की स्प्रे नहीं किया है। तो जब आपकी जीरे की फसल 28 से 30 दिन की होती है तो Bayer कंपनी की Raft खरपतवार नाशक का भी आप स्प्रे कर सकते हैं। 15  लीटर पानी पर 15 से 20 ml स्प्रे आप कर सकते हैं। याद रखें कि जब आपकी जीरे की फसल 28 से 30 दिन की हो तब इसके जडो के पास नमी होना चाहिए तभी आपको खरपतवार नाशक का स्प्रे करना चाहिए।

जीरे की फसल में सिंचाई कब कब करनी चाहिए।

पहली सिंचाई आपको बुआई के समय ही करनी है और दूसरी सिंचाई लगभग 10 दिन के बाद करनी है। इसी प्रकार आपको 15 से 17 दिन के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए फूल और फल आने के बाद आपको सिंचाई बार-बार नहीं करनी चाहिए आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करनी चाहिए। 



जीरे की उत्पादन कितनी होती है।

12 से 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से जीरे उत्पादन होता है। यह निर्भर करता है देख-रेख पर मिट्टी पर सिंचाई पर और खाद की डोज पर यदि आप वैज्ञानिक तरीकों से खेती करते हैं। तो उत्पादन बढ़ भी सकता है।

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