किडनी क्या है ? और यह कहां पाई जाती है ?

गुर्दे हमारे पीठ के पीछे पसली के नीचे दोनों साइड होते हैं। दाएं साइड में दाया गुर्दा और बाएं साइड में बायां गुर्दा गुर्दे को किडनी के नाम से भी जाना जाता है। किडनी का मुख्य कार्य होता है। खून के अंदर अवशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना यह कार्य किडनी के अंदर 10 लाख नदियों के द्वारा किया जाता है। खून को पूरी तरह से साफ करना और अवशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य किडनी ही करता है। किडनी हमारे शरीर में बहुत कुछ सहन करती है। जब या आधे से ज्यादा खराब हो जाती है तब हमारे शरीर में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। किडनी ही हमारे शरीर में एक ऐसा अंग है जो खुद को रिपेयर करता है। या अगर खराब भी हो जाए तो कुछ समय के बाद अपने आप को ठीक कर लेता है।



कितने प्रकार से किडनी खराब होती है ?

किडनी के कई तरह के अलग-अलग बीमारियां होते हैं। जैसे कि किडनी में इन्फेक्शन होना किडनी का कम काम करना किडनी का बिल्कुल ही काम करना बंद कर देना किडनी का फेल हो जाना ज्यादातर रोगी जिनका क्रेट नाइन बढ़ा हुआ होता है। किसी का ब्लड यूरिया बढ़ा हुआ होता है। गुर्दे की पथरी तो आजकल बहुत ही आम बात है। पथरी के कारण धीरे-धीरे गुर्दे खराब हो जाते हैं। गुर्दे में सूजन होना गुर्दे में इन्फेक्शन होना कई लोगों के किडनी के ऊपर गांठ पाए जाते हैं। ज्यादातर लोगों में मूत्र पथ में इन्फेक्शन या संक्रमण हो जाते हैं। किसी व्यक्ति के गुर्दे शुकूर जाते हैं। किसी व्यक्ति के गुर्दे में कैंसर की शिकायत होती है। किसी व्यक्ति के पेशाब में खून आने लग जाता है। कई ऐसे भी लोग होते हैं। जिसे बुखार की दवाई लेने के बाद किडनी का काम करना बंद कर देता है। कई लोगों के जन्म से ही एक ही किडनी होती है। और उस दिन में भी इन्फेक्शन होना शुरू हो जाता है।

किडनी के खराब होने के लक्षण:-

किडनी खराब होने का मुख्य लक्षण है। कि आपके शरीर में तरह-तरह के खारिज होने शुरू हो जाएंगे त्वचा हमारी खुश्क हो जाती है। और खारिज करते हैं। तो पापरी जैसी झरने लग जाती हैं। बीपी हाई होने लग जाता है। मांस पेशियों में शरीर में जोड़ों में दर्द होने लग जाता है। जरा सा काम करते हैं। तो थकावट महसूस होती है। कमजोरी महसूस होती है। दिन प्रतिदिन वजन घटने लग जाता है। और थोड़ा सा काम करने पर ही सांस फूलने लग जाता है। ज्यादातर रोगियों को देखा गया है। कि बीपी हाई होने लग जाता है। और मुंह पर और पैरों में सूजन आने लग जाती है। टखनों पर भी सूजन आने लग जाती है। इससे पता चल जाता है कि इसको किडनी से संबंधित बीमारी हो गई है। शरीर में हमेशा बुखार सा महसूस होता है। मुंह का टेस्ट हमेशा खराब रहता है। मुंह से हमेशा बदबू आता है। त्वचा पर जगह-जगह भूरे रंग के दाग होने लग जाते हैं। भूख कम लगने लग जाती हैं। किसी रोगी को पेशाब ज्यादा आने लग जाता है। किसी रोगी को पेशाब कम आने लग जाता है। रोगी को प्यास ज्यादा लगती है रात को सोते समय नींद ठीक ढंग से नहीं आती है। पेट में पानी जमा होने लग जाता है। पेट फूलने लग जाता है। शरीर में धीरे-धीरे पानी ज्यादा जमा होने लग जाता है। शरीर में दिन-प्रतिदिन खून की कमी होने लग जाती हैं। चेहरा सफेद और पीले रंग का सूजा सूजा दिखने लग जाता है। चाहे महिला हो या पुरुष हो सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है। धीरे-धीरे पुरुषों में नामर्दी की शिकायत दिखने लग जाती हैं। ज्यादातर रोगी जिनके पेशाब में संक्रमण होता है। उनके किडनी खराब होने के चांस ज्यादा होते हैं। उनके पेशाब में बदबू ज्यादा आती है। किसी के पेशाब में मवाद आता है किसी के पेशाब में खून आने लग जाता है। किसी के पेशाब का कलर बहुत ज्यादा मठ मेला हो जाता है। किसी के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा आने लग जाती है। कई लोगों का येलो कलर का और कई लोगों का रेड कलर का यूरिन आने लग जाता है। अगर समय से इनका इलाज कर ले तो किडनी सही हो जाएगी और यूरिन इन्फेक्शन नहीं होगी अगर हम इन सभी लक्षणों को अनदेखा कर दें तो धीरे-धीरे किडनी खराब होने का चांस रहता है।

किडनी क्यों खराब होती है ?

जिन व्यक्तियों को शुगर की शिकायत है। वह शुगर की दवाइयां ले रहे हैं। और शुगर कंट्रोल नहीं हो रही हैं। शुगर ऊपर नीचे हो रही हैं तो उन व्यक्तियों की किडनी खराब होने के चांस बढ़ जाती है। बीपी हाई होने के कारण भी गुर्दे खराब होने लग जाते हैं। जिन व्यक्तियों को थायराइड की प्रॉब्लम है। और वह थायराइड का समय से इलाज नहीं कराते तो ऐसे व्यक्ति की गुर्दे खराब होने के चांस बढ़ जाती है। जिन व्यक्तियों का लीवर ठीक ढंग से काम नहीं करता है उस व्यक्ति कभी गुर्दे खराब हो सकता है। सिगरेट बीड़ी और शराब का ज्यादा इस्तेमाल से भी किडनी खराब हो सकता है। मोटापा के कारण भी गुर्दे खराब हो जाती है। लिवर में सिरोसिस के कारण भी हमारे गुर्दे खराब हो जाते हैं। यूरिन वेग को रोकना गुर्दे पर बाहरी चोट लग जाने से भी गुर्दे खराब हो सकते हैं। ज्यादा पेन किलर के इस्तेमाल से भी गुर्दे खराब हो जाते हैं।

घरेलू उपचार कैसे करें :-

सबसे पहले एक कांच की कटोरी दें उसमें 6 चम्मच सफेद प्याज का रस डालें अगर सफेद प्याज ना मिले तो लाल प्याज ले सकते हैं। परंतु सफेद भी आज बहुत अधिक लाभदायक है। उसके बाद उसने लहसुन की दो कली को कूटकर रस ले जितना भी रस निकले कांच की कटोरी में डाल दे 6 चम्मच नींबू का रस भी कांच की कटोरी में डालना है। इसी प्रकार मूली को कद्दूकस करके कपड़े से छानकर 6 चम्मच रस उसी कटोरी में डालना है और एक चम्मच शहद अच्छी तरह से मिलाना है।

इस मिश्रण का इस्तेमाल आपको सुबह खाना खाने के बाद करना है। और शाम को खाना खाने के बाद ही करना है। इसी विधि से दोबारा आपको शाम को बनाना है। एक मिश्रण को एक बार में बनाकर एक ही समय प्रयोग करना है। एक मिश्रण को दोबारा प्रयोग नहीं करना है। जिन व्यक्तियों को शुगर की शिकायत है। वह इस मिश्रण में शहद ना डालें वह इस मिश्रण को बिना शहद के ही ले सकते हैं।

इस मिश्रण का सेवन सुबह खाली पेट करना है। और इस मिश्रण का सेवन करने के 1 घंटे बाद तक कुछ भी खाना या पीना नहीं है। या मिश्रण किडनी की सभी प्रकार की इंफेक्शन को ठीक करने में बहुत ही असरदार घरेलू अनुष्का है।

आयुर्वेदिक उपचार कैसे करें ?

आयुर्वेदिक उपचार बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार करने के लिए नेपाली चिरायता 50 ग्राम साठी की जड़ 50 ग्राम गोखरू 50 ग्राम इन तीनों को अच्छी तरह से पीस लें और इसे छानकर इस पाउडर को किसी बर्तन में रख ले। इस मिश्रण को खाना खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच सुबह और एक चम्मच शाम को हल्का गर्म पानी के साथ लेना है। कोशिश करें कि जब यह दवा इस्तेमाल करें तो 1 घंटे तक कुछ खाना पीना नहीं है। जो व्यक्ति इसे पाउडर के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता वाह एक गिलास पानी में इस पाउडर को खोल ले और उसे तब तक उबालें जब तक किया पानी आधा ना बचे इसके पश्चात इसे छान ले और आप चाहे तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। परंतु जिन को शुगर है। वह शायद ना मिला है वह इनको वैसे ही प्रयोग करें। इस प्रयोग का इस्तेमाल करने से आपके किसी भी प्रकार की किडनी की समस्या हो वह धीरे-धीरे ठीक होती चली जाएगी यह सभी जड़ी बूटियां आपको किसी भी पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जाएगी।



रेडीमेड उपचार कैसे करें:-

गोक्षुरादि गोखरू को पीसकर खाना है। जो व्यक्ति इसे पीसकर नहीं खा सकते तो वहीं का काढ़ा भी बना सकते हैं। इसकी दो गोली सुबह दो गोली शाम और दो बोली दोपहर को सेवन करनी है। इन गोलियों को गर्म पानी के साथ ही लेनी है और कोशिश करना है की इन्हें लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ खाना पीना नहीं है। गोक्षुरादि गोखरू थोड़ा सख्त होता है। इसलिए आप इसे पीसकर ना खाएं इसे चबा कर ही खाएं। जो व्यक्ति इसे चबाकर नहीं खा सकता या इन गोलियों को नहीं खा सकता तो वह इन गोलियों को पीस करके पाउडर बना लें और उसे आधे का पानी में उबालें जब पानी चौथाई कप बच जाए। उसे छानकर पीना है इसी विधि से दोपहर में करना है और इसी विधि से रात में करना है जरूरत अनुसार आप इसमें मीठा भी मिला सकते हैं। मीठे के लिए आप मिश्री या शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन को शुगर है वह कुछ भी मीठा ना मिलाएं वह ऐसे ही काढ़े का सेवन करें। इसका सेवन करने से किसी भी तरह की किडनी की बीमारी हो वह बिल्कुल ठीक हो जाएगी।

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