बवासीर का मुख्य कारण
बवासीर रोग का मुख्य कारण होता है। कब्ज और कफ रहना है। पेट साफ नहीं होता टॉयलेट में बैठे टाइम लगता है। तो कुछ लोगों की नजर होती है कि वह जब टॉयलेट के लिए जाते हैं। और मोशन पास नहीं होता तो उस पर प्रेशर लगाते हैं। क्योंकि जब हम प्रेशर लगाते हैं। तो प्रेशर लगाने से जो हमारे खुदा की जो सिर आए हैं। वहीं से उस में सूजन आ जाती है। वह फूल जाती है। प्रेशर के कारण से तो कुछ सिराए बाहरी होती और कुछ अंदर होती है।
इनके ऊपर प्रेशर पड़ता है। बवासीर को रेसे कहते हैं और पाइल्स भी कहते हैं।
बवासीर कितने प्रकार के होते हैं
यह सिर्फ दो तरह की होती है एक होती है खूनी बवासीर, तो दूसरी होती है। बादी बवासीर, में मस्से बन जाते हैं और वह मुझसे गुदा के अंदर एक ऊंचाई पर होते हैं और कुछ भी देखते हैं होते हैं इसमे मस्से इकट्ठा हो जाता है। इसका आकर वापस नहीं जाता। ऐसी स्थिति आ जाती है तो वह भूल जाती हैं कि बादी बवासीर है। उसमें कई बार वह गुदा इतनी फूल जाते हैं कि वह हमारा पूरा रास्ता ब्लॉक कर देती है। जो लेटरिंग वाला रास्ता है उसको पूरा ब्लॉक कर देती हैं और जब वह रास्ता ब्लॉक हो जाता है। तो मोशन पास नहीं होता और बहुत ज्यादा कष्ट होता है। भयंकर दर्द होता है और कुछ मस्से से हमें गुदा के बाहर दिखाई देते हैं। वह भी कभी-कभी फूल जाते हैं। और उन में खुजली-चलने लगती है। सूजन आ जाती है बैठने में बहुत ज्यादा दिक्कत होने लगती है।
दूसरी जो बवासीर है। खूनी बवासीर खूनी बवासीर का में पता ही नहीं चलता कब स्टार्ट हो जाती है। खूनी बवासीर के समय में भी बहुत कष्ट होता है क्योंकि जब मल पास होता है तो उसकी रगड़ की वजह से जो गुदा का रस्ता होती है वह फट जाती है और उनसे काला या लाल सुर्ख ब्लड पास होने लग जाता है और कभी-कभी तो यह ब्लड इतना ज्यादा पास हो जाता है कि व्यक्ति को कमजोरी फील होने लगती है। थकान महसूस होती है खून की शरीर में कमी हो जाती है।
अब बात करते हैं। बवासीर अधिकतर उन्हीं लोगों को होती है। जो चाय कॉफी सिगरेट शराब का अधिक सेवन करते हैं। और चाय कॉफी सिगरेट शराब का अधिक सेवन करने से हमारे आंतो मे खुस्की हो जाती है और खुस्की होने की वजह से मल कठोर हो जाता है। और फिर बवासीर की शिकायत रहने लगती है। इसके अलावा अगर हमारे भोजन में फाइबर की कमी है। तो भी बवासीर होती है। भोजन में मिर्च मसालों का अधिक प्रयोग करना, गरिष्ठ भोजन करना मीठी चीजों का अधिक सेवन करना समय पर भोजन ना करना और मल मूत्र के वेग को रोकना यह भी बवासीर का मुख्य कारण होता है।
लीवर की खराबी जब लीवर में कोई विकार आ जाता है वह अपना कार्य अच्छे से नहीं कर पाता तो बवासीर की शिकायत होने लगती है। यह सारे बवासीर होने के कारण है।
बवासीर के लक्षण कौन-कौन से हैं
आप जानते हैं कि बवासीर जब हो जाती है। तो उसके क्या-क्या लक्षण होते हैं। और वह हमें कैसे परेशान करते हैं। जब बवासीर हो जाती है और मल त्याग के बाद बहुत ज्यादा दर्द होता है। ब्लड बहना शुरू हो जाता है। बवासीर की स्थिति में बहुत ही असहनीय दर्द होता है। उस स्थिति में व्यक्ति इतना परेशान हो जाता है कि मल त्याग के बाद बहुत देर तक सहन नहीं हो पाता, मलद्वार की नसें फूल जाते हैं। फिर आप भूल जाते हैं। तो वहां पर फूलॉव पड़ जाता है। जगह संकुचित हो जाती है और जब मल त्याग करते हैं। यह जब मल पास करते हैं। तो उस समय बेइंतहा कष्ट होता है। बहुत अधिक दर्द होता है। और व्यक्ति मल त्याग से घबराने लगता है और मल त्याग करना उसे एक सजा लगने लगती है। जिनको बवासीर हो गई है। वह उनकी कमर में बहुत ज्यादा दर्द लगता है। और वह अपने आप को बहुत अच्छा है। ना उनसे सोते बनता है, ना बैठते बनता है, ना चलते बनता है, बहुत अधिक परेशान रहते हैं, खाना-पीना, सोना-जगना, कुछ अच्छा नहीं लगता हर समय उनका ध्यान वही केंद्रित रहता है। बल्कि खाने-पीने से तो घबराने लगते हैं। क्योंकि फिर सोचता है कि अगर कुछ खाएंगे तो फिर मोसन के लिए जाना पड़ेगा बहुत कष्ट होगा इसलिए खाने-पीने से भी डरने लगते हैं।
बवासीर को हम कैसे ठीक कर सकते हैं
अब मैं चुके नेचरोपैथी हूँ तो मेरा हमेशा प्रयास रहता है कि मैं आपको नेचुरल ट्रीटमेंट बात रहा हूं। ताकि आप बिना दवाइयों के जो बवासीर है। वह केवल गुर्दा का रोग नहीं है। बवासीर जब होती है। जब हमारे शरीर के सभी अंगों में जरूरत से ज्यादा गन्दगी जमा होने लग जाता है तो बवासीर हो जाता है।
बवासीर को जड़ से खत्म करने का उपाय
बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए हमें अपनी पूरी बॉडी डिटॉक्स करना जरूरी होता है। और कुछ ऐसी इलाज भी है जिनको खाने पीने से बॉडी डिटॉक्स हो जाए बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए मैं आपको कुछ प्राकृतिक चिकित्सा बता रहा हूँ। जिससे बवासीर जल्दी ठीक हो जाए कुछ खाने-पीने की ऐसी चीजें भी बता रहा हूँ जो बॉडी को और भी जल्दी डिटॉक्स करें और कुछ नेचुरल ऐसे ही ईलाज बताउँगा जिनको करने से बवासीर जड़ से चली जाएगी। तो सबसे पहले मैं आपको बता रहा हूँ । प्राकृतिक चिकित्सा जिसको पेट पर करना है। क्योंकि जो भी प्रॉब्लम शुरू होती है। वह सब पेट से शुरू होती है। सारी बीमारियां कब्ज की वजह से शुरू होती है। क्योंकि पेट ही सभी रोगों की जड़ है और कब्ज भी पेट की प्रॉब्लम से होता है। जब हमारा लिवर पेनक्रियाज इन डिफाइन सब ठीक से काम नहीं करते इनका फंक्शन अच्छा नहीं होता तभी कब्ज जल्दी बढ़ता है। तो कब्ज को तोड़ने के लिए मैं आपको एक बहुत अच्छी प्राकृतिक चिकित्सा बता रहा हूँ। जिसको आप घर में आराम से कर सकते हैं। तो यह चिकित्सा पेट पर गर्म ठंडे ट्रीटमेंट की है। इसमें पेट के ऊपर गर्म और ठंडी सिकाई की जाती है। तो देखते हैं वह चिकित्सा कैसे की जाएगी इस चिकित्सा को करने के लिए एक हॉट वॉटर बैग चाहिए जिसके अंदर गर्म पानी भरना है तो मैंने इसमें गर्म पानी हमें इतना तेज भरना है कि आराम से शिकाई हो सके और जब आप इसमें गर्म पानी भरे तो इसका मुंह खोल करके इसमें से थोड़ी सी एयर बाहर कर दें इस तरह से नहीं तो यह फूल ही फूल ही रहेगी और उसको थोड़ा सा पानी से मुंह तक ले आए और उसके बाद इसका ढक्कन लगा दे ऐसा करने से इसकी एयर निकल जाती है। और यह फ्लैट हो जाती है तो सिकाई करने के लिए हमें स्वेटर को पेट के ऊपर रखना है। और अगर यह बोतल ज्यादा तेज गर्म हो तो इसके नीचे एक छोटा सा टावल फैला लें जिससे स्किन के ऊपर एक दम लेंगे तो इसके लिए हमें 4 बार करने होते हैं तो सबसे पहला बार यह है कि 3 मिनट में गर्म करना है। और 1 मिनट के लिए ठंडा करना होता है तो जब यह इसको पोर्टल को रखे हुए 3 मिनट हो जाए तो इस बोतल को हम हटा देंगे और ठंडे पानी में और ठंडे पानी में ट्रेवल भी हो करके 1 मिनट के लिए हमें पेट के ऊपर से लाना है जब आधा मिनट हो जाए तो उसको पलट दें क्योंकि इधर से टावल गर्म हो जाता है जब पूरा 1 मिनट हो जाए तो इस टॉवल को हटा दें और फिर से एक गर्म बर्तन सिकाई करने के लिए रखते हो फिर हमें दूसरा राउंड करना है 3:00 मिनट गर्म करना है और 1 मिनट के लिए ठंडा करना है तो जब 3 मिनट पूरे हो जाए तो इस पोर्टल को हटा दें और 1 मिनट के लिए फिर से रख दे तो इसको ऐसा हमें चार राउंड करने हैं। और हमारे हिस्से का ही पूरी हो जाएगी और जब शिकाई करें तो पेट बहुत भरा हुआ नहीं होना चाहिए, पेट खाली होना चाहिए, अगर आपने नाश्ता कर लिया है। तो एक से डेढ़ घंटे बाद करें और अगर खाना खा लिया है तो करीब 3 घंटे बाद इससे कायको कर सकते हैं।
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