दोस्तों सहजन के बारे में आप जानते ही होंगे अगर नहीं जानते हैं। तो आज हम आपको सहजन के बारे में बताने जा रहे हैं। सहजन के कितने लाभ हैं और यह किन किन बीमारियों में किस प्रकार फायदा करता है। आइए जान लेते हैं।

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सहजन का दूसरा नाम मुंजा भी है। इसे संस्कृत में सौभांजन और इंग्लिश में हॉर्स रेडीश भी कहते हैं। गुजराती में इसे सर गोभी कहते हैं। सहजन हमारे पूरे भारत में पाए जाते हैं। इसके पेड़ मोटे होते हैं और इस पेड़ की लंबाई 15 से 30 फीट होती है। इसकी लकड़ी बहुत ही सॉफ्ट होती है। जिस कारण हम इसे किसी निर्माण कार्य में उपयोग नहीं कर सकते।

सहजन के तीन प्रकार के फूल होते हैं। लाल सफेद और काला इसके फूलों से शहद जैसी महक आती है। सहजन की फली लगभग 10 से 16 इंच लंबी होती है। यह फली हरे रंग की होती है। यह बाहर से कड़क और अंदर से नरम होती है।

सहजन के सभी भाग जैसे जड़ तना छाल पत्ते फल बीज सभी का प्रयोग करते हैं और यह सभी बहुत ही गुणकारी हैं।

सहजन के सूखे बीज में 35% से 40% तक तेल मौजूद होता है। यह तेल पतला होता है। इस तेल का मुख्य उपयोग तेलों में खुशबू लाने के लिए किया जाता है।



सहजन के फायदे

  • सहजन को हम हाई ब्लड प्रेशर में उपयोग कर सकते हैं। इसका उपयोग करने के लिए हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज को इसके पत्तियों का रस निकालकर या काढ़ा बनाकर दे इससे हाई ब्लड प्रेशर में काफी लाभ मिलेगा। साथी इसका काढ़ा पीने से घबराहट चक्कर उल्टी में भी राहत मिलती है।
  • इसका फायदा बच्चों के लिए भी बहुत अधिक होता है। सहजन की फली में कैल्शियम पाया जाता है। जिस कारण इसका सेवन करने से हड्डियां एवं दांत मजबूत होते हैं। इसे अगर गर्भवती महिलाओं को सेवन कराया जाता है। तो उसके होने वाले बच्चे में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाई जाती है। जिससे होने वाला बच्चा तंदुरुस्त होता है। इसमें लोहा मैग्नीशियम की उचित मात्रा पाई जाती है जो शरीर को स्वास्थ्य रखने में बहुत अधिक मदद करती है।
  • यह मोटापे को कम करने के लिए भी बहुत अधिक फायदेमंद है। इसमें फास्फोरस की मात्रा अधिक पाई जाती है। जो हमारी कैलोरी को कम करती है। साथिया वसा को कम कर मोटापा को कम करने में सहायक होती है। सहजन की पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है।
  • सहजन हमारे पाचन समस्या को कम करता है। सहजन में मौजूद आइसोथियोसाइनेट प्रभावी रूप से पाचन तंत्र की विभिन्न समस्याएं जैसे अल्सर गैस्ट्राइटिस और कब्ज का इलाज करने में उपयोगी होता है। सहजन में एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं। जिस कारण यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।
  • सहजन में अलग-अलग प्रकार की दर्द को दूर करने वाला गुण पाया जाता है। जिस कारण से या सूजन वाला दर्द जोड़ों का दर्द गठिया माइग्रेन और सिर दर्द जैसे अन्य समस्याओं के इलाज के लिए लाभकारी है। अगर आपको सिर दर्द हैं। तो सहजन के पत्तों को पीसकर गर कर ले और इसका अपने सिर पर लेप लगाएं जिससे आपका सिर दर्द कम होगा।
  • सहजन की छाल से हम साइटिका के रोग को ठीक कर सकते हैं।
  • कैंसर और मासिक धर्म में इसके छल बहुत ही असरदाई हैं।
  • सहजन के छाल फोड़े फुंसी और दाग को ठीक करता है।
  • सहजन के फल के प्रयोग से हम अपनी त्वचा की सुंदरता को बढ़ा सकते हैं।
  • इसके फल के सेवन करने से हम अपनी पत्नी को ठीक कर सकते हैं। तथा हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं और गठिया जैसे भयंकर दर्द को ठीक कर सकते हैं।
  • सहजन कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज पर नियंत्रण रखता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता और शुगर जैसी भयंकर बीमारी से हमें छुटकारा दिलाता है।
  • सहजन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में और सिर दर्द को कम करने में बहुत अधिक भूमिका निभाती है।
  • यह हमारे शरीर में मौजूद आयरन की कमी को दूर करता है।

सहजन में कौन से तत्व कितनी मात्रा में पाई जाती है।

  1. विटामिन ए गाजर से 4 गुना ज्यादा सहजन में पाई जाती है।
  2. विटामिन सी संतरे से 10 गुना ज्यादा सहजन में पाई जाती है।
  3. विटामिन बी 6 मांस से 2 गुना अधिक पाई जाती है।
  4. कैल्शियम दूर से 5 गुना अधिक पाई जाती है।
  5. पोटैशियम केले से 5 गुना अधिक पाई जाती है।
  6. आयरन पालक से 25 गुना अधिक पाई जाती है।

सहजन 300 से अधिक बीमारियों को ठीक करने में सक्षम हैं।

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