आप सब गिलोय के बारे में शायद जानते ही होंगे। आज हम आपको गिलोय के कुछ ऐसी खासियत के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

● गिलोय के उत्पत्ति का रहस्य।

हमारे पुराने ग्रंथों तथा ऋषि-मुनियों का ऐसा मानना है। कि धरती में जिस जगह पर अमृत की कुछ बूंदे गिरी थी। वहीं पर गिलोय उगी इसीलिए संस्कृत में इसे अमृता के नाम से जाना जाता है। हिंदी में इसे अमृत फल के नाम से जानते हैं। गिलोय का अमृता नाम इसलिए रखा गया है। क्योंकि यह अमृत के समान गुणकारी है।
History of giloy




● कहां पाया जाता है गिलोय-
गिलोय हमारे संपूर्ण भारत में पाया जाता है। यह वर्षा के दिनों में अधिक पनपता है। इसीलिए इसे वर्षा के दिनों में अवश्य लगाएं इसे लगाने के बाद अधिक देख-रेख की जरूरत नहीं होती इसे बस एक बार लगा दीजिए यह अपने आप ही पनपता रहेगा।

● कितने बीमारियों में काम आता है। गिलोय-
गिलोय 100 से भी अधिक बीमारियों को जड़ से ठीक कर देता है।

● गिलोय किस बीमारी में काम आता है।
गिलोय का काढ़ा सर्दी, जुकाम, कफ, एनर्जी, अस्थमा, स्वाइन फ्लू, डेंगू ,चिकनगुनिया, प्लेटलेट्स, ओबीसीटी, डायबिटीज, किसी भी तरह का इन्फेक्शन, किसी भी प्रकार की न्यू ट्रेंस, माइक्रो न्यू ट्रेंस, की कमी विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन B12, टीवी, कैंसर, भयंकर अर्थराइटिस और इम्यूनिटी कमजोर, बार-बार बीमार पड़ना आदि को जड़ से ठीक कर देता है।

● अगर आप चाहते हैं। कि आप जिंदगी में एक बार भी बीमार ना पड़े आपको जिंदगी में एक बार भी बुखार ना लगे। तो आप गिलोय के काढ़े का सेवन कीजिए। आपको 100 साल तक बुखार भी नहीं आएगा।

● गिलोय का सेवन करने से आपकी आयु भी लंबी हो जाएंगी आप दीर्घायु हो जाएंगे।

● गिलोय की सबसे बड़ी खासियत यह है। कि गिलोय को कोई भी किसी भी वर्ग का लिंग का व्यक्ति सेवन कर सकता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। अगर आपको अपने शरीर में किसी बीमारी का पता नहीं चलता है। तो आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी समस्या आप बहुत जल्द दूर हो जाएंगे।

● गिलोय के काढ़ा बनाने की विधि।

ताजे गिलोय के डंठल ले उसे छोटे-छोटे भागों में काट ले काटने के बाद उसे ओखली में कूट लें या फिर पत्थर पर पिसले याद रहे मिक्सी या अन्य लोहे के वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना है। क्योंकि इससे उसकी औषधीय गुण कम हो जाएंगी। पीसने के बाद इसे रात भर के लिए पानी में रख दे सुबह रखे हुए पानी को अच्छी तरह से उबाल ले, तब तक उबालें जब तक एक चौथाई पानी ना बचे।

इसके बाद पानी को अच्छी तरह छान ले और उस पानी यानी गिलोय के काढे को चाय की तरह चुस्की ले कर पिए।

● किस प्रकार का गिलोय प्रयोग करें।

गिलोय अक्सर आम के पेड़ पर, दीवारों पर, बांसों पर, देखने को मिल जाता है। अगर आपको गिलोय का अधिक फायदा चाहिए। तो आप नीम के पेड़ के ऊपर जो गिलोय होता है। उनका प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि जिलोय जिस पेड़ पर उगता है। वह उसका भी गुण अपने अंदर धारण कर लेता है। इसलिए नीम के पेड़ पर उगने वाले गिलोय को अधिक गुणकारी बताया गया है।

● किस बीमारी को ठीक करता है। गिलोय-
गिलोय हमारी एड़ी से चोटी तक की सभी बीमारियों में काम आता है। जैसे-
■ बालों से जुड़ी समस्याएं बालो का उम्र से पहले सफेद होना बालों का झड़ना गंजापन आदि।
■ आंखों से जुड़ी समस्याएं कम दिखाई देना आंखों में दर्द होना आदि।
■ सांस लेने में तकलीफ।
■ कानों से जुड़ी समस्याएं।
■ गले में खराश।
■ खून की कमी।
■ आंतों की सफाई।
■ लिवर किडनी फेफ्रा आदि से जुड़ी समस्याएं।
■ घुटने का दर्द आदि।
गिलोय इन सभी बीमारियों को जड़ से ठीक कर देता है। गिलोय का सेवन महीने में कम से कम तीन से चार बार अवश्य करें इससे आपकी शरीर में किसी प्रकार की कोई समस्याएं नहीं आएंगी और आपकी उम्र भी लंबे हो जायेगे ।

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