WHEAT FARMING

उन्नत समय (Suitable time)

अक्टूबर और नवंबर का महीना गेहूं की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय है।


खेत तैयार (Farm Preparation)

खेत तैयार करने के लिए गोबर की दो से तीन ट्राली खाद को खेत में बिखेर कर हल्की गहरी जुताई कराइए और रोटावेटर से खेत को समतल तथा मिट्टी को भुरभुरी करा लीजिए।

उन्नत किस्में (Hybrid Variety)

अलग-अलग राज्यों के हिसाब से मिट्टी के हिसाब से Early Farming के हिसाब से और Late Farming के हिसाब से भी Variety अलग-अलग होती है। Best Variety जैसे-

पूसा तेजस

8663-पोषण 

श्रीराम 303

श्रीराम 463

श्रीराम 322

यदि आप बेचने के उद्देश्य से गेहूं की खेती कर रहे हैं। तो आप पूसा तेजस और 8663 पोषण जैसी वैरायटी को लगा सकते हैं। यदि आप खाने के उद्देश्य से गेहूं को लगा रहे हैं। तो श्रीराम 303 जैसी वैरायटी को लगा सकते हैं। तथा आपके क्षेत्र में जो बढ़िया वैरायटी हो आप उनका चयन कर सकते हैं।

प्रति एकड़ बीज (Per Acre seeds)

50 से 60 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है। कुछ वैरायटी होती है। जो 50 किलोग्राम एक एक कर के लिए काफी होता है। कई इलाकों में किसान 70 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई करते हैं।

बीज उपचार (Seed treatment)

बीज उपचार करने से अंकुरण सही होता है। और स्वस्थ ग्रोथ होता है। गेहूं का बीज उपचार करने के लिए 1 kg seeds/- 2gm Riodmil gold के साथ आप को बीज उपचार जरूर करना चाहिए।

बुवाई के समय खाद (Besal Dose)

जब आप बुवाई कर रहे हो तब DAP - 30kg, SSP - 50kg, MOP - 20kg, यूरिया ( N ) - 25kg इन सभी खातों को मिक्स करके बुवाई के समय इस्तेमाल करना है।

पौधे से पौधे की दूरी (Plant to Plant Distance)

बीज से बीज की दूरी यानी पौधे से पौधे की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर रखना है। और लाइन से लाइन की दूरी रखनी है 7 से 8 इंच और लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर गहरी बुवाई करनी चाहिए।

बुवाई की विधि (Seeding method)

गेहूं की बुवाई हाथ से भी की जाती है। और सीडल से भी वाई की जाती है। सीरियल से बुवाई सबसे बेस्ट रहती है। इसलिए आपसे डर से ही बुवाई करें।

सिंचाई (Irrigation)

गेहूं की फसल पर पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करना है। उसके बाद में 12 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए गेहूं की सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करता है। Normally देखा जाए तो गेहूं की फसल पर 5-6 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।

खरपतवार नियंत्रण (Weed control)

बुवाई के 24 घंटे के अंदर ही pre emergent herbicide का स्प्रे करें। यदि आप ऐसा नहीं कर पाए हैं। तो जब गेहूं की फसल 25 से 30 दिनों की होती है। तो आप खरपतवार नाशक Vesta को 160gm प्रति एकड़ की दर से स्प्रे कर सकते हैं। यदि आपक खेत में खरपतवार उग रहे हैं तो ही खरपतवार नाशक का स्प्रे करें वरना कोई जरूरत नहीं है खरपतवार नाशक का स्प्रे करने की।

खाद शेड्यूल (Fertigation Schedule)

( 2  ) गेहूं की फसल पर पहली खाद्य बुवाई से 25 से 30 वे दिन डालनी चाहिए। 45kg uriya khad + 5kg micronutrient fertilizers प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें।

( 2 ) दूसरी खाद बुलाई से : - 50 से 55 ले दिन 45kg uriya khad + Skg IFFCO सागरिका दानेदार प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें।

इन दोनों खातों को गेहूं में डालने से आपको उत्पादन काफी बढ़िया मिलेगा।

स्प्रे शेड्यूल (Spray Schedule)

गेहूं की फसल पर

  •  पर्ण रतुआ / भूरा रतुआ  
  • धारीदार रतुआ या पीला रतुआ 
  •  तना रतुआ या काला स्तुआ 
  •  करनाल बेट खुला कंडुआ या लूज स्मट
  •  पर्ण झुलसा या लीफ ब्लाईट 
  • चूर्णिल आसिता या पौदरी मिल्ड्यू 
  • ध्वज कंड या फ्लैग समट 
  • पहाड़ी बंट या हिल बंट

इन सभी कीटों के प्रकोप से गेहूं के फसल को बचाने के लिए-


1st Spray 45-55 दिनों के बीच propiconazole 25 % EC 200 ml + chlorpyriphos 50 % + cypermethrin 5 % EC 350 ml प्रति एकड़ की दर से spray kare ( 150 लीटर पानी )

Plant Growth Regulator 

गेहूं की फसल पर plant Growth Regulator का स्प्रे करने से गेहूं की जरूरत से अधिक हाइट नहीं होती है और गेहूं गिरती भी नहीं है तथा वलियों की लंबाई भी अधिक होती है। उसके लिए  Chamatkar 200ml /- 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से स्प्रे कर देना है। 

गेहूं में पीलापन

जब गेहूं की फसल में पीलापन आता है। तो जब आप की फसल 40 दिन की होती है। तो N-P-K 19-19-19 घुलनशील खाद्य 500 से 700 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करना है। और जब अब की फसल में बालिया निकल रही होती है। तब NPK 0-52-34 खाद को 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे कर सकते हैं। अगर पीलापन नहीं है तो इस स्प्रे की कोई जरूरत नहीं है।

गेहूं का जीवन चक्र (Life cycle)

गेहूं का जीवन चक्र वैरायटी पर निर्भर करता है। फिर भी लगभग 4 महीनों के आसपास है हमारी गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाती है।

उपज एवं उत्पादन (Productions)

गेहूं का उपज एवं उत्पादन मिट्टी पर सिंचाई पर खाद की डोज पर तथा वैरायटी पर निर्भर करता है। 24 से 26 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से उत्पादन होता है तथा कई इलाकों पर 18 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से भी उत्पादन होता है।


गेहूं की फसल पर विशेष ध्यान

गेहूं की फसल पर सिंचाई के विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि आप खरपतवार नाशक का स्प्रे कर रहे हैं। तो याद रखें स्प्रे करने से पहले खेतों में सिंचाई कर दीजिए। जिससे जड़ों के पास पर्याप्त मात्रा में नमी हो जिससे खरपतवार नाशक का अधिक झटका फसल को ना लगे। और अपने एरिया के हिसाब से उन्नत किस्मों का ही चयन करना चाहिए। जिसका ऊपर एवं उत्पादन अच्छा हो। इसके अतिरिक्त 60 दिनों के बाद यूरिया का प्रयोग ना करें। अगर आप 60 दिनों के बाद यूरिया नाइट्रोजन का प्रयोग करते हैं। तो कई प्रकार की बीमारी आ जाते हैं तथा समय पर ही बुआई करना चाहिए 1 एकड़ पर 50 से 60 किलोग्राम बीज के हिसाब से ही बुवाई  करना चाहिए। अगर आप कुछ इस प्रकार गेहूं की खेती करते हैं तो आपको ऊपज उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। 

Post a Comment

Previous Post Next Post