मटर की खेती के लिए अनुकूल समय (Suitable Time)।

मटर की खेती के लिए अक्टूबर और नवंबर का महीना काफी अनुकूल माना जाता है। अगर आप Early बुवाई करना चाहते हैं। तो सही समय 15-20 सितंबर के आसपास है अगर आप Late बुवाई करना चाहते हैं। तो नवंबर अंत तक बुवाई कर सकते हैं।



मटर की बुवाई के लिए मिट्टी जलवायु एवं क्लाइमेट कंडीशन (Soil and temperature)।

मटर की बुवाई के लिए तापमान 14 से 28 डिग्री सेल्सियस काफी अनुकूल माना जाता है और मिट्टी में उत्तम जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए बरसात की पानी खेत में डरना नहीं चाहिए वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी अच्छी होनी चाहिए और उपयुक्त जीवाश्म पदार्थ वाली मिट्टी जिसका PH Value 5.5 से 7.5 के आसपास होनी चाहिए। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति और उर्वरक शक्ति अच्छी होनी चाहिए। एवं काली मिट्टी, काली दोमट, मिट्टी मीडियम हल्की मिट्टी के साथ-साथ पीली मिट्टी, जलोढ़ मिट्टी पर आप मटर कीसफलतापूर्वक खेती कर सकते हैं।

मटर की बुवाई के लिए खेत की तैयारी (Form Preparation)।

मध्यम गहराई में चलने वाले कल्टीवेटर से पहली जुताई करना हैं। खेत का साफ सफाई होना बहुत जरुरी हैं।

बुवाई करते समय कौन-कौन सी खाद कितनी मात्रा डालनी चाहिए।  (Besal dose)।

जब आप खेत की तैयारी कर रहे हैं। तब गोबर की खाद 3-4 ट्राली + SSP खाद 100 kg + MOP पोटाश खाद (60%) 30 kg यदि आपकी खेतों पर दिमक की या फिर Wide grabe या जड़ संबंधी किसी भी प्रकार की रोगों का या कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है। तो आप Fefromal 0.3% + regaint GR दानेदार 5kg को भी इसी के साथ खेत में बिखेर कर रोटावेटर से खेत को समतल करा दीजिए। DAP का प्रयोग बीजों का सीडल विधि के साथ बुवाई करते समय करेंगे।

मटर की उन्नत किस्में (Important Hybrid variety)।

UPL गोल्डन GS-10, PSM-3, AP-3, श्री राम सलोनी इन सभी किस्मो का उत्पादन हमारे एरिया में बहुत अच्छा होता हैं। परंतु  UPL गोल्डन GS-10 Variety की पहली हार्वेस्टिंग 70-75 दिन की वजय 90-95 दिन में पहली हार्वेस्टिंग होती है। इसकी हार्वेस्टिंग थोड़ी लेट चालू होती है। अनुकूल जलवायु के अनुसार ही आपको उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए।

1 एकड़ में बीज की आवश्यकता (Per Acre seeds)।

यदि हम 1 एकड़ खेत में मटर की बुवाई कर रहे हैं। तो 60-80 kg बीज की आवश्यकता पड़ती है यदि हम Early बुवाई करते हैं। तो 80-90 kg बीज की आवश्यकता पड़ती हैं। अगर Late बुवाई करते हैं। तो 50-60 kg बीज की आवश्यकता पड़ती है। 

बीज से बीज की दूरी कितनी रखनी है। (Sowing distances / Spacing)

बीज से बीज की दूरी 4 से 5 cm और लाइन से लाइन की दूरी 30 cm तथा बीज की गहराई 5 cm रखनी चाहिए।

बीज उपचार (Seeds treatment)।

बीज उपचार करना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि बीज उपचार करने से Zerminations Perstange काफी अधिक बढ़ जाता है। बीज उपचार के लिए Carbendazim 12% + Mancozeb 63% WP 1kg बीजों को 5gm Fungicide से उपचार करें। अगर आप के खेतों पर जड़ संबंधी कुछ ज्यादा ही फंगस देखने को मिलता है। तो आप Thiophanate Methyl 45% + Pyraclostrobin 5% FS 1  kg बीजों को 2ml Fungicide से उपचार करें। बीज उपचार करने से ग्रोथ भी स्वस्थ देखने को मिलता है और किसी प्रकार का फंगस इत्यादि का प्रकोप नहीं रहता इसीलिए बुवाई से पहले बीज उपचार जरूर करें।

सिंचाई (irrigation system)।

मटर की फसल पर लगभग तीन-चार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। पहली सिंचाई फसल की बुवाई के तुरंत बाद करनी है। और दूसरी सिंचाई 12 से 15 दिनों के अंतराल पर करनी है। इसी प्रकार 15-15 दिनों के अंतराल पर मिट्टी के अनुसार सिंचाई करना है। अगर मिट्टी हल्की है तो अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ेगी अगर मिट्टी भारी है। तो कम सिंचाई की आवश्यकता पड़ेगी सिंचाई मिट्टी पर निर्भर करता है। बस याद रखें कि खेत में हमेशा नमी बनी रहे यदि आप सिंचाई में कमी करते हैं। तो पौधों की ग्रोथ में रुकावट आ जाएगी जिससे उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा।

खरपतवार नियंत्रण (weed control)।

खरपतवार नियंत्रण के लिए Pre-emergent herbicide का मटर बाई के 3 से 4 घंटे के अंदर स्प्रे करें। 
Pendimethalin 30%EC 1L/200 लिटर पानी में घोल कर स्प्रे करें । इससे 1 से 40 दिन तक खरपतवार खेत में नही उगेंगे।

स्प्रे शेड्यूल (Spray Schedule)।

मटर की फसल पर कई प्रकार के कीट और फंगस आते हैं। और भी कई प्रकार की समस्याएं जैसे- पाहू, एफैड, leaf minor, काली मस्सी, इसके अतिरिक्त फली छेदक इल्ली का प्रकोप देखने को मिलता है। एवं Rust, leaf spot, powdery milduded के साथ-साथ Dumping opp की समस्या आती हैं। तथा kolarod के साथ-साथ Pord black की भी समस्या देखने के लिए मिलती है। 

पहली स्प्रे कम करना है। (1st spray)

जब मटर की फसल बुवाई से 20 से 25 दिन की हो जाए तब पहली स्प्रे करना है। पहली स्प्रे के लिए Acephate 50% + imidacloprid 1.8% sp 35 gm + Mancocozeb 75% wp Fungicide 40 gm + syngenta Quantis Bio stimulants 40 ml स्टीकर मिलाकर 15  लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।

दूसरी स्प्रे कब करना है। (2nd spray)

जब मटर की फसल बुवाई से 40 से 50 दिन की हो जाए तब दूसरी स्प्रे करना है। दूसरी स्प्रे के लिए Tebuconazole 10% + sulphur 65% wg 40 gm + Chlorantraniliprole 10% + Lambda cyhalothrin 5% zc 8 ml + Fantac plus 10 ml स्टीकर मिलाकर 15 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।
यदि आप अपनी मटर की फसल पर यह स्प्रे करते हैं। तो आपकी मटर की फसल कीटों से मुक्त हो जाएंगे और वनस्पति बढ़वाड़ भी काफी अच्छी होंगी। 
अगर आपको इन से सस्ती स्प्रे चाहिए जिसका रिजल्ट भी काफी अच्छा है। जब आप की फसल बुवाई से 20 से 25 दिन की होती है। तब Confined (midaclopride) 17.8% sl 10 ml + saaf (Carbendazim 12% + Mancozeb 63% wp) 40 gm + NPK khad 19-19-19=60 gm स्टीकर मिलाकर 15 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।
जब आपकी मटर की फसल बुवाई से 40 से 50 दिन की हो तब दूसरी स्प्रे करें। दूसरी स्प्रे के लिए Bayer Larvin (Thiodicarb 75% wp) 15 gm + TATA की TAKAT (Hexaconazole 5% + Captan 70% wp) 40 gm + Fantac plus Tonic 10 ml स्टीकर मिलाकर 15 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।

खाद का शेड्यूल (Fertilizers Schedule)।

नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश के साथ- साथ सल्फर की भी अधिक आवश्यकता पड़ती है। मटर की फसल में पहली खाद बुवाई से 25 से 30 दिन के अंदर डाल देनी चाहिए पहली खाद मे यूरिया=45 kg + Micronutrient fertilizer=5kg + Sulphur = 5kg को मिक्स करके जड़ों के पास देकर सिंचाई करें। मटर की फसल पर केवल एक ही खातों की आवश्यकता होती है। अगर आप अपनी मटर की फसल पर खाद की दो डोज देना चाहते हैं। तो पहली डोज जब मटर की फसल बुवाई से 15 से 20 दिन की हो तो यूरिया = 25 kg + सल्फर= 5kg को मिक्स करके प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास देकर सिंचाई करें। और दूसरी डोज आप की फसल बुवाई से 30 से 35 दिन की हो तब यूरिया=25 kg + सागरिका दानेदार=8 kg को मिक्स करके प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास देकर सिंचाई करें।



मटर की फसल का उत्पादन (Production)।

35-36 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से आप उत्पादन निकाल सकते हैं। जिस प्रकार हमने आपको फसल का शेड्यूल बताया है। अगर आप उस प्रकार से खेती करते हैं तो उत्पादन बढ़ भी सकता है। अगर आप की मिट्टी कमजोर है और आप हमारे बताए हुए शेड्यूल का पालन नहीं करते हैं तो उत्पादन घट भी सकता है।

मटर का रेट या मूल्य (Rate/kg)।

मटर का रेट या आपके ऊपर निर्भर करता है। कभी-कभी हमें मटर का रेट ₹20 किलो ₹30 किलो ₹40 किलो तक भी मिल जाता है। या आप की क्वालिटी पर निर्भर करने वाला है अगर आप मटर की Early खेती करते हैं तो अच्छा रेट मिल सकता है।

लाभ(Benefits)।

अगर 1 एकड़ में 30 क्विंटल का उत्पादन होता है। तो-
30 Q × 3000₹=90000₹
30 Q × 2500₹=75000₹
30 Q × 2000₹=60000₹
30 Q × 1500₹=45000₹ तक लाभ आपको हो सकता है। या आपकी बाजार की कीमत पर निर्भर करता है।

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