विटामिन-D क्या है ? और इसकी कमी को कैसे पूरा क्या जाता है ?

एक ऐसा विटामिन जिसकी शरीर में कमी होने की वजह से इम्यूनिटी पावर कमजोर हो जाती है। व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगता है। उसे रात को ठीक से नींद भी नहीं आती है। साथ ही साथ थकान डिप्रेशन और मूड भी खराब रहने लगता है। पीठ और शरीर पर जगह-जगह दर्द होना और बाल भी झड़ने लगते हैं। और शरीर में कहीभी जब कट लग जाए या कोई जख्म हो जाए तो उस जख्मों की भरने की गति भी धीमी पड़ जाती है। हमारा शरीर कैल्शियम को ठीक से सूखने में नाकाम होने लगता है। जिससे हड्डियां भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। और फिर हड्डियों में दर्द भी धीरे-धीरे शुरू होने लगता है। विटामिन डी की कमी से दिमागी हालत भी कमजोर होने लगती है। जिससे पाचन में गड़बड़ी और शरीर में कमजोरी महसूस होने लगते हैं। विटामिन डी आपको खुश रहने के लिए भी बहुत जरूरी है। यह आपके दिमाग को मजबूत बनाने आपकी स्किन और बालों की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। साथ ही किया आपके मसल्स और हड्डी को मजबूत बनाने का कार्य करता हैं। 



विटामिन-D की कमी किसे होती हैं  ?

विटामिन-D की कमी ज्यादातर उन लोगों के शरीर में होती है। इसकी कमी उन लोगों में अधिक होती है। जो धूप में बहुत कम निकलते हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं इसमें कौन सी बड़ी बात है। थोड़ी देर धूप में बताओ और विटामिन डी की कमी पूरी हो जाएगी परंतु यह इतना भी आसान नहीं होता है।

कितने प्रकार से विटामिन- D की कमी को पूरा कर सकते है  ?

हम 3 तरीकों से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

  1. खाना
  2. सनलाइट
  3. सप्लीमेंट

किसी व्यक्ति की शरीर में विटामिन-D की थोड़ी कमी होती है। और किसी की शरीर में विटामिन डी की बहुत अधिक कमी होती है। इसलिए ऐसे में आपको कौन सा तरीका अपनाना चाहिए।

खाने में अंडा, चिकन, दूध, मशरूम, कुछ मछलियां ऐसी होती है। जिसमें विटामिन-D की मात्रा पाई जाती है। परंतु खानों की चीजों में विटामिन-D इतनी कम पाई जाती है। कि उससे हम 1 दिन की भी विटामिन-D की जरूरतों को पूरी नहीं कर सकते।

आमतौर पर सूरज में तीन तरह की किरणें होती है। जिसे सन रेस के नाम से भी जाना जाता है।

UV-A
UV-B
UV-C

इसमें जो UV-B नाम की किरणें होती है। उसी से हमारे शरीर में विटामिन डी प्रोड्यूज है। जब यह किरने हमारे स्किन पर पड़ती है। तो यह हमारे तीन में मौजूद 7-Dehydroxycholestrol को विटामिन D3 मैं बदल देता है। वहां से वह एक 25-Hydroxylase कन्वर्ट होकर लीवर में भेज दिया जाता है। और फिर हमारा लीवर उसे 25(OH)-VD में कन्वर्ट करके किडनी में भेज देता है। जहां ये 1,25(OH)2-VD में कन्वर्ट होकर शरीर में इस्तेमाल होता है। परंतु इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि सूरज की रोशनी में हमारे स्किन को नुकसान पहुंचाने की भी ताकत होती है। इसलिए सूरज की रोशनी से विटामिन-D की कमी को पूरा करते वक्त काफी सारी बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है।

किस प्रकार के लोगों पर सूरज की किरणें का जल्दी और किस प्रकार के लोगों पर लेट असर होता है !

सबसे पहले जिन लोगों के स्किन का रंग हल्का होता है। उनके शरीर में विटामिन डी उतना ही जल्दी प्रोड्यूज होता है। लेकिन गहरे रंग वाले स्कीम में विटामिन-D पर प्रोड्यूज में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन लोगों का स्किन डार्क होता है। उनमें मेलानिन की मात्रा ज्यादा होती है। मेलानिन वह होता है। जो सूरज की रोशनी को आपके स्क्रीन में आने से रोकता है। ताकि सूरज से होने वाले नुकसान से स्किन को बचाया जा सके। इसलिए डार्क स्किन वाले लोगों के शरीर को विटामिन-D बनाने में ज्यादा समय लगता है। दूसरी बात धूप जितना तेज होता है। आपकी सभ उतना ही जल्दी विटामिन डी बनाती है। लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता की तेज धूप आपके शरीर को जल्दी नुकसान पहुंचाती है। इसीलिए थोड़ा वक्त ज्यादा ही लगे आपको विटामिन-D की कमी को पूरी करने के लिए सुबह या शाम के धूप का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि इस वक्त की धूप ज्यादा से होती है। और ज्यादा फायदा पहुंचाती है। और तीसरी बात यह कि आपके शरीर को विटामिन-D बनाने के लिए सूरज की किरणें को आपके शरीर पर पड़ना जरूरी होता है। इसलिए इस वक्त कपड़े पर आप पतले लाइट और लूज पहनने चाहिए और साथ ही कुछ देर के लिए आपको अपने हाथ-पांव या स्क्रीन पर कहीं भी सन क्रीम लोशन वगैरह नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि सनस्क्रीम लोशन सूरज की किरने को स्क्रीन में जाने से रोक देता है। इससे शरीर को विटामिन-D बनाने में और ज्यादा समय लग सकता है।

हमे कितनी देर तक धूप लगानी चाहिए ?

कुछ परिस्थिति में 15 मिनट धूप में बिताने के बाद विटामिन-D की कमी काफी हद तक पूरी हो जाती है। और कभी-कभी 25 से 30 मिनट भी लग सकते हैं। जो कि धूप की इंटेंसिटी और आपके स्किन कलर पर डिपेंड करता है। आमतौर पर जब आपको पसीना आना शुरू हो जाता है। तो समझ लीजिए कि काम हो चुका है।

धूप लगाए बिना विटामिन-D की कमी को कैसे पूरा करे ?

भारत में कुछ राज्य ऐसे भी हैं। जहां महीनों तक सूरज देखने को नहीं मिलता है। और कुछ लोगों का काम ही ऐसा होता है जिसकी वजह से वह चाह कर भी हमेशा धूप में नहीं निकल सकते ऐसे लोगों की शरीर में विटामिन-D की जगह कमी हो जाती है।

हमे रोज कितनी मात्रा में विटामिन-D की आवश्यकता होती हैं ?

हमारे शरीर को हर रोज लगभग 15 से 20 MCG यानी 600-800 IU Vitamin -D की जरूरत पड़ती है। जो लोग अक्सर धूप में निकलते रहते हैं। उनके शरीर में बहुत अधिक विटामिन डी की कमी नहीं होती इसलिए उन्हें सिर्फ एक या 2 दिन ही जरूरतों को पूरा करना होता है। जिसे थोड़ी देर धूप में बैठकर आसानी से पूरा किया जा सकता है। लेकिन जिन लोगों को महीनों या सालों से धूप का सामना नहीं हुआ है। ऐसे लोगों के शरीर में विटामिन डी की ज्यादा कमी हो जाती है। और ऐसे में अगर कोई व्यक्ति सूरज के जरिए विटामिन-D की कमी को पूरा करना चाहता है। तो उसे बहुत अधिक देर तक धूप में बैठना होगा जिससे उसे शरीर को धूप से होने वाले नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। और धूप में बहुत देर मिटाने से सर में दर्द आना चक्कर आना स्किन में कालापन आना स्क्रीन का एजिंग प्रोसेस फास्ट हो जाना जिससे चेहरे पर झुर्रियां आना और कई बार चेहरे जल जाने की समस्या मिल सकती है ऐसे ही जगह पर सप्लीमेंट काम आता है। क्योंकि सप्लीमेंट के रूप में जो विटामिन डी आता है। वह अलग अलग डोज़ में मौजूद होता है। कुछ विटामिन डी की कैप्सूल्स ऐसी भी होती है जिसमें सिर्फ एक कैप्सूल के इस्तेमाल से 10 दिन की विटामिन डी की जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सकता है। इसलिए जिन लोगों के शरीर में विटामिन-D की ज्यादा कमी होती है। उनके लिए सप्लीमेंट के जरिए विटामिन-D की कमी को पूरा करना ज्यादा आसान हो जाता है।

अगर आपको लगता है। कि आप अक्सर धूप में नहीं निकल पाते तो ज्यादा चांस है। कि आपके शरीर में विटामिन डी की ज्यादा कमी हो चुकी होगी लेकिन फिर भी कंफर्मेशन के लिए आपको अपना ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। और फिर जितनी आपके शरीर में विटामिन-D की कमी हुई है। उसी हिसाब से डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन-D की सप्लीमेंट जितनी आपके लिए सूटेबल हो उसका इस्तेमाल किया जा सकता है दो-तीन महीने सप्लीमेंट्री इस्तेमाल करके विटामिन D की कैप्सूल का इस्तेमाल करके आपको दोबारा ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए और जब विटामिन-D की जरूरत है। पूरा हो जाता है। तो सप्लीमेंट को बंद करके आपको सिर्फ धूप और खाने के जरिए ही विटामिन डी की कमी को पूरा करना चाहिए। क्योंकि सूरज की रोशनी कुदरत का दिया हुआ वह तोहफा है। जिसका हर व्यक्ति को हर हाल में लाभ उठाना चाहिए सही समय पर सही वक्त सूर्य की रोशनी में बिताने से सिर्फ विटामिन- D की कमी पूरी नहीं होती बल्कि यह हमारे शरीर को और कई सारे फायदे पहुंचाता है।

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