चिआ बीज के अद्भुत फायदे।

चिआ सीड एक ऐसा फूड है। जिसकी पैदावार हमारे देश भारत में नहीं होती। लेकिन ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होने की वजह से इसे दूसरे देश से हमारे देश में इंपोर्ट किया जाता है। क्योंकि इसकी पैदावार हमारे देश भारत में नहीं होती इसलिए इसका हिंदी में अलग से कोई और नाम भी नहीं होता। इसीलिए इसे हमारे देश भारत में भी चिआ बीच के नाम से ही जाना जाता है। चिआ सीड के कई सारे सेंटिफिक रिसर्च होने के बाद इसे सुपर फूड के श्रेणी में गिना जाता है।



चिआ सीड में कौन-कौन से तत्व कितनी मात्रा में पाई जाती है।

चिआ सीड में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। सिर्फ 28 ग्राम चिआ सीड में 9 ग्राम फैट होता है। लेकिन इसमें पाए जाने वाले ज्यादातर फैट अनसैचुरेटेड होता है। जिसे नर्मली हैल्दी फैट के नाम से जाना जाता है। इस तरह का फैट शरीर को कई तरीके से फायदे पहुंचाता है। आमतौर पर यह शरीर और खून में चिकनाई बनाने का कार्य करता है। यह शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने का कार्य करता है। चिआ सीड में ओमेगा-3 और फैटी एसिड बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छा होने के साथ-साथ दिमाग के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। ये यादाश्त को बढ़ाने और डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए बहुत मददगार होता है।

Omega-3 गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चों के दिमाग के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। बढ़ाने स्पर्म काउंट को इनक्रीस करने और फर्टिलिटी को इंप्रूव करने में भी ओमेगा -3 और फैटी एसिड बहुत ही अहम रोल अदा करता है। ओमेगा -3 आपकी स्किन के ऊपरी सतह पर बेरियर क्रिएट करने का भी कार्य करता है। जिससे स्क्रीन में सन डैमेज के रिस्क काफी हद तक कम हो जाते हैं। और ओमेगा -3 तथा फैटी एसिड आपके शरीर से गर्मी को कम करने का कार्य करता है। जिससे आपके शरीर पर आ रहे पिंपल्स और ड्राई स्किन जैसी आ रहे समस्याओं में काफी हद तक फायदा देखने को मिलता है।

चिआ सीड इतना खास इसलिए भी है। क्योंकि खासकर ओमेगा -3 एक ऐसा फैटी एसिड होता है। जो बहुत कम वेजीटेरियन फूड में पाया जाता है। इसलिए जो वेजिटेरियन होते हैं। उनके लिए अपने खाने में ओमेगा-3 के जरूरतों को पूरा करना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए वेजिटेरियन लोगों के लिए चिआ सीड ओमेगा-3 की पूर्ति करने के लिए बहुत ही अहम रोल अदा करता है। सिर्फ 28 ग्राम चिआ सीड में 5000 मिलीग्राम ओमेगा -3 मौजूद होता है। जो अलसी के बीज के मुकाबले लगभग 2 गुना ज्यादा होता है। 

चिया - सीड डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के लिए हैं फायदेमंद:-

चिआ - सीड से मिलने वाला omega-3 ALA टाइप का होता है। जो शरीर में जाने के बाद हमारा शरीर उसे पहले EPA-DHA में बदलता है। फिर इसे शरीर के अलग-अलग हिस्से में इस्तेमाल करता है। यह खून को पतला करके हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करने में काफी हद तक कारगर सिद्ध होता है। चिआ सीड को जब पानी में भिगोते हैं। तब यह जली के रूप में तब्दील हो जाता है। जिससे इसमें एक चिकनाई और जाती है और यह फिसलने लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि चिआ सीड में लेक्सिडी प्रॉपर्टीज मौजूद होती है। और इस गुण के वजह से यह पेट में जाने के बाद भी आंतों से होकर बहुत आसानी से गुजरता है। चिआ सीड में फाइबर की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है। 28 ग्राम चिआ सीड में 11 ग्राम फाइबर मौजूद होता है। यही कारण है कि चिआ सीड को हाईएस्ट फाइबर फूड में भी गिना जाता है। इसमें मौजूद फाइबर खून में शुगर की मात्रा को मेंटेन करने का कार्य करता है। जिससे यह डायबिटीज वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। 

जिन लोगों के खाने में फाइबर की कमी होती है। उसे अक्सर कब्ज और फिर ठीक से साफ ना होने की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वह फाइबर ही होता है जो वेस्ट के रूप में आपके शरीर से बाहर निकलता है। इसलिए चिआ सीड उन लोगों को अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहिए जिन्हें कब्ज की समस्या अक्सर होती रहती है। क्योंकि सिर्फ एक चम्मच चिआ सीड के इस्तेमाल से लगभग 5 ग्राम फाइबर हमारे शरीर को आसानी से मिल जाते हैं। जो दूसरे फूड के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। चिआ सीड को अक्सर वेट लॉस डाइट में शामिल किया जाता है। बहुत ही ज्यादा मात्रा में पाए जाने वाले फाइबर जब ज्यादा फाइबर वाली चीजें खाते हैं तो उसे शरीर को तोड़ने में ज्यादा समय लगता है। इसलिए जल्दी भूख का एहसास नहीं होता इसी वजह से चिआ सीड को वेट लॉस डाइट में शामिल किया जाता है। लेकिन चिआ सीड में प्रोटीन और फैट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से इसे वेट गेन डाइट में शामिल किया जाता है। चिआ सीड में कैल्शियम की मात्रा भी अच्छी खासी मौजूद होती है। जो आपके दांत और हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का कार्य करता है। चिआ सीड में विटामिन A और विटामिन C जैसे एंटी ऑक्सीडेंट भी अच्छी खासी मात्रा में मौजूद होते हैं। जो आपके शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल जैसे जहरीले पदार्थ से फाइट करके आपके शरीर के कोशिकाओं को बचाने का कार्य करता है। जिससे व्यक्ति लंबी उम्र तक जवान रहने के साथ-साथ स्किन बाल और शरीर को काफी हद तक फायदे पहुंचाता है।

चिआ सीड को खाने का सही तरीका:-

चिआ सीड एक बहुत ही दमदार फूड है। इसलिए इसका इस्तेमाल हमेशा थोड़ी मात्रा में करना चाहिए। और चिआ सीड को हमेशा कच्चा ही इस्तेमाल करना चाहिए चिआ सीड में फाइबर की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह पानी को अपने अंदर सोखने का कार्य करता है। इसलिए चिआ सीड को इस्तेमाल करने से पहले उसे कुछ देर पानी में फूलने के लिए छोड़ देना चाहिए। और फिर जब यह अच्छी तरह से फूल जाए तो इसका इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप चाहें तो इसे सीधा दूध में फूलाकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चिआ सीड को जूस फ्रूट सलाद नींबू पानी और सादे पानी के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। और खास तौर पर चिआ सीड की एक रेसिपी है। जिसे चिआ पोर्डिंग के नाम से जाना जाता है। आप चिआ सीड का इस्तेमाल दिन में कभी भी किया जा सकता है। लेकिन सुबह खाली पेट है इसका इस्तेमाल अधिक फायदेमंद माना जाता है। पूरे दिन में दो छोटे चम्मच चिआ सीड का इस्तेमाल करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। जिसमें शुरुआत अगर एक चम्मच से किया जाए तो यह और भी बेहतर हो सकती है। प्रेग्नेंट औरतें भी इसका इस्तेमाल कर सकती है परंतु उसे इसका आधा छोटा चम्मच इस्तेमाल करना चाहिए और बॉडी का रिस्पांस देखते हुए इसकी मात्रा बढ़ाई भी जा सकती है।

चिआ सीड में ओमेगा-3, फैटी एसीड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से यह ब्लड प्रेशर को कम करने का कार्य करता है। जो हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए अच्छा है। लेकिन जिन्हें पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम है। उनके चिआ सीड के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर और भी कम हो सकते हैं। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वालों को चिआ सीड अपने खाने में इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। कुछ लोगों में चिआ सीड के इस्तेमाल से स्कीन इचिंग और कुछ दूसरे साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं। लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है। आपको चिआ सीड अपने खाने में जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको इसका कोई साइड इफेक्ट दिखता है तो आपको इसका खाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि इसके साइड इफेक्ट होते भी हैं तो बहुत सीरियस नहीं होते आप को डरने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।

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