एग्जिमा क्या होता है

Rochak hindi gyan sagar


आज हम बात करेंगे एग्जिमा के विषय में के एग्जिमा क्या होता है। इसके लक्षण क्या है। इसके कारण क्या है। और इसको कैसे ट्रीट करें कि यह जड़ से खत्म हो जाए, तो एग्जिमा स्किन का एक बहुत ही जिद्दी रोग है। और जहां भी कहीं एग्जिमा हो जाता है। वहा बहुत खुजली होने लगती है। दाने उठ जाते हैं। स्किन उभरी उभरी सी होती है।

एग्जिमा दो प्रकार के होते हैं।

एक ड्राई एग्जिमा

विपिंग एग्जिमा

ड्राई एग्जिमा में स्क्रीन रुखि और मोटी हो जाती है। और स्किन में दरारे पड़ जाती है। और खुजली भी होती है।

विपिंग एग्जिमा हमेशा गीला गीला सा रहता है। और इसमें भी छोटे छोटे दाने होते हैं। और खुजली के साथ साथ हैं।

टॉक्सिन क्या है :-

प्राकृतिक चिकित्सा में रोगों का कारण शरीर के अंदर गन्दगी जमा हो जाना हैं। इन गंदगी का शरीर से बाहर नहीं निकलना। जब शरीर के अंदर बहुत सारे टॉक्सिन जमा हो जाते हैं और वह शरीर से बाहर नहीं निकल पाते किसी ना किसी रूप में जब वह बाहर निकलते हैं स्क्रीन से निकलते हैं तो स्क्रीन के एलर्जी हो जाती है अगर मौसन साफ नहीं होता तो पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगती है इस तरह प्राकृतिक चिकित्सा में माना जाता है कि जब पेट के अंदर जहरीले तत्व अधिक हो जाते हैं तो तरह तरह के रोग उत्पन्न होते हैं

एलर्जी का कारण क्या है :-

आज के आधुनिक चिकित्सा में एग्जिमा को एलर्जी का कारण मानता है। और एलर्जी का कारण मानते हुए इसका एंटीबॉडी टेस्ट कराया जाता है और उस टेस्ट में जिन जिन चीजों से एलर्जी निकलती है उन सब चीजों को खाने से छूने से हर चीज से बंद कर दिया जाता है आधुनिक शोध के अनुसार हमारे शरीर में वाइट सैल होते हैं। उसमें गड़बड़ी आ जाती है। जिसके कारण शरीर में एलर्जी पैदा हो जाती है। एलर्जी तत्व बढ़ जाते हैं। और शरीर में खुजली और एग्जिमा इस टाइप की जो खुजली से रिलेटेड जो होते हैं। वह बढ़ने लग जाते हैं और कहीं ना कहीं इम्मुनीटि की कमजोरी की वजह से भी स्किन डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आंत में एक प्रकार का यह खेल रहा है जो सामान्य तौर पर सभी सभी की आंतो में मिलता है। ह्यूमन बॉडी में मिलता है। जब कभी उस में गड़बड़ी आ जाए तो भी एग्जिमा का खतरा बढ़ता है। उसे कैंडिडा कहते हैं इसलिए गरिमा को ठीक करने के लिए आपको की सफाई बहुत ज्यादा जरूरी है। 

मल इकट्ठा होना क्यूँ शुरु हो जाता है :-

जब आंतों की सफाई नहीं होती तो शरीर में मल इकट्ठा होना शुरू हो जाता है आते भर जाती हैं और जिसकी वजह से हमारे जो और भी मल मर्ग है, वह भी क्लोज होने लगते हैं वह भी बंद होने लगते हैं। जो ईश्वर ने चार रास्ते बनाए हैं। गंदगी बाहर निकालने के लिए सब रास्ते खुले होने चाहिए जो वह सारे रास्ते खुले होंगे तो किसी भी तरह का रोग शरीर में नहीं आएगा। वह बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। मोशन का रास्ता है वह बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। स्किन का रास्ता है बिल्कुल क्लियर होना चाहिए। और इसी तरह से तो लंच कर आता है वह भी क्लियर होना चाहिए तो जब यह सारे रास्ते बिल्कुल क्लीन होते हैं हमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती तो कोई भी रोग परेशान नहीं करता और एग्जिमा जैसा रोग जब परेशान करता है। जब हम बाहरी त्वचा के छिद्र बंद हो जाते हैं तो 4 से गंदगी निकलना बंद हो जाते हैं। तो इस किन से रिलेटेड हो आने लगते हैं। जैसे त्वचा में लाल लाल धब्बे पड़ना खुजली होना दाने निकलना दो दौरे पड़ना और एक्जिमा जैसी आने लग जाते हैं। 

एग्जिमा से होने वाली बीमारियाँ :-



जब हम बहुत समय तक लंबे समय तक उसको छोड़ देते हैं या कुछ ना कुछ ऐसा काम करते रहते हैं कि कभी कुछ लगा दिया या कभी कोई और मन लगा दिया कुछ दिनों के लिए वह फिर रुक गया तो लेकिन वह कभी इस तरह से ठीक नहीं होता और उसकी जड़े धीरे-धीरे गहरी होती जाती हैं तो जब भी एग्जिमा हो या किसी भी तरह की कोई स्किन डिजीज हो या कोई भी रोग हो तो उसे हमें जल्दी ही खत्म करना चाहिए को जल्दी ही दिखा लेना चाहिए जिससे कि वह अपना घर बॉडी के अंदर ना बना ले एग्जिमा ऐसी ही गंदी है कि अगर एक बार इसने अपना घर स्किन में बना लिया तो इसकी जड़े अंदर चली जाती हो और यह जल्दी से ठीक होने में नहीं आती और अक्सर हम करते भी ऐसा है कि जब कभी कोई इस टाइप की दिक्कत आती है तो हम कोई ना कोई ऐसा लगा लेते हैं और कुछ दिनों के लिए ठीक हो जाता है निकलने लगता है तो अगर आप एग्जिम को पूरी तरह से ठीक करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें शरीर की शुद्धि और रक्त शुद्धि दोनों ही करने पड़ेंगे तब एक्जिमा ठीक होगा यदि रक्त की शुद्धि कर दी जाए तो ट्रक की सारी गंदगी को बाहर निकाल दिया जाए तो कितना भी पुराना रहोगे जड़ से समाप्त हो जाएगा और शरीर की शुद्धि के लिए जितने भी हमारे माल मार्ग हैं। साफ होने चाहिए जैसा मैंने अभी आपको बताया था कि हमारे जो आते हैं वह क्लियर होनी चाहिए मतलब उसमें कोई माल जमा हुआ नहीं होना चाहिए और जो हमारी किडनी है उसका फंक्शन अच्छा होना चाहिए यूरिन वाला जो सिस्टम है वह बिल्कुल अच्छे से काम करना चाहिए और इसी तरह से जो हमारे स्क्रीन है वह भी बहुत प्रॉपर फंक्शन करनी चाहिए ताकि अच्छे से पसीना आता रहे और बीमारी बाहर निकलती है और इसी तरह फेफड़े हम अच्छे से सांस लें और अच्छे से छोड़े गहरा श्वास लें और गहरा छोड़ें जब यह सारा सिस्टम बिल्कुल ठीक चलता है तो कोई बीमारी नहीं आती तो हमें एग्जिमा को खत्म करने के लिए शारीरिक शुद्धि भी करनी बहुत ज्यादा जरूरी है तो शारीरिक शुद्धि के लिए सबसे पहले तो हमें अपने आंतो को साफ करना जरूरी है। 

आंतों को साफ करने के लिए क्या करें :-

जब आंतों को साफ करने की बात आती है। तो आंतों को साफ करने के लिए हमें कुछ अपने आहार में चेंज करना पड़ेगा कुछ ऐसी चीजें खाने पड़ेंगे जो हाथों में रुका हुआ मन बाहर निकल जाए तो रोजाना हमें अपने आहार में कुछ फल ज्यादा खाने चाहिए कुछ सलाद ज्यादा खाने चाहिए हमारे आते धीरे-धीरे साफ होने लगे हैं भोजन हल्का करना चाहिए शादी सब्जी खानी चाहिए और मोटे अनाज की रोटी खानी चाहिए जिससे हमारा पेट साफ होने लगता है आते क्लीन होने लगती है जब पेट साफ होने लगता है तो और भी मलमर्ग धीरे-धीरे साफ होने लगते हैं क्योंकि सभी बीमारियों का संबंध अधिकतर पेट से होता है। और रक्त की शुद्धि के लिए हमें एल्कलाइन चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ेगा क्योंकि रक्त का नेचर एल्कलाइन होता है। और जो उसमें एसिड की मात्रा होती है वह बहुत ही निम्न होती है बहुत ही कम होती है अगर रखती शुद्धि करनी है। तो हमें अपने भोजन में एक परसेंट अल्कलाइन और 20% एसिड चीजें लेनी चाहिए। तो अल्कलाइन चीजों में सारे फल शब्द कच्ची सब्जियां सलाद ड्राई फ्रूट्स मुनक्के खजूर किशमिश यह सब चीजे आती हैं और जो ऐसी चीजें हैं उसमें मिर्च मसाले वाला भोजन तला भुना भोजन डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ यह सब चीजे आती हैं तो इन सब चीजों को हमें कम आना चाहिए तब हमारे रक्त की शुद्धि होती है और रक्त की शुद्धि के लिए हम सुबह सुबह खाली पेट नीम की ताजी को प्ले को चला सकते हैं और उसके ऊपर हल्का गर्म पानी पीने से भी रक्त की शुद्धि होने लगती है और अगर आपको नीम की को प्ले ना मिल पाए तो आप नीम वटी भी खा सकते हैं। किसी अच्छी कंपनी की नीम बटी खरीद ले और दो बटी सुबह और दो बटी शाम को लेना शुरू कर दे ताजे पानी के साथ।

एग्जिमा को ठीक करने के लिए क्या करें :-

एग्जिमा को ठीक करने के लिए चीनी नमक और मिर्च मसाला वाला भोजन बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए और कुछ दिनों के लिए तो बंद ही कर देना चाहिए क्योंकि जब हम इस तरह का भोजन खाते हैं। और शरीर जब पसीना आता है। तो वह पसीना जहां एक्जिमा हो गया है वहां पर उस पसीने में चुकी नमक की मात्रा होती है। तो वह जलन पैदा करती है। शारीरिक शुद्धि और रक्त की शुद्धि दोनों एक साथ हो जाए। इसके लिए हमें सप्ताह में एक उपवास रखना जरूरी है। और उस उपवास में हमें कुछ खाना नहीं है। बस आप फलाहार कर सकते हैं। फलाहार के लिए आप खट्टे जूस पी सकते हैं। जैसे मौसमी का जूस संतरे का जूस आदि। आधा गिलास जूस लें और आधा गिलास में पानी मिलाएं और सिप-सिप करके उसको पिए ऐसा दिन में तीन बार आप करें और इसके अलावा नारियल पानी भी पी सकते हैं और इसके अलावा अगर आपको सेहत सूट करता हो तो दो दो चम्मच शहद ताजे पानी में डालकर के दिन में दो-तीन बार यह सकते हैं जब भी आपको भूख लगे ना प्यास लगे तो आप जूस नारियल पानी और शहद का पानी बना पी सकते हैं करने से हमारे आंतो की छुट्टी होने लगती है और रक्त की शुद्धि विस्तार तक होने लगती है कोशिश करे की शाम को डिनर में कुछ ना लें। लेकिन अगर आप इसी वजह से बिल्कुल नहीं रह पा रहे हैं। या भूख सहन नहीं कर पा रहे हैं। तो बिल्कुल पतली खिचड़ी बनाएं मूंग की दाल के जो सूप जैसे पतले हो उसको घुट-घुट कर के पी ले ऐसा करने से शरीर की सफाई बहुत अच्छी तरह से होने लगती है। आंतो में जमा हुआ सारा मल आसानी से बाहर निकल जाता हैं।

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